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Bhartiya Samvidhaan Ke Nirmaata: Mithuk aur Yathaarth

by Sheshrao Chauhan , Puneet Bisaria
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Original price Rs. 450.00
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Book cover type: Hardcover

यह पुस्तक भारतीय संविधन के निर्माण की उस पृष्ठभूमि में लिखी गई है, जब भारतीय स्वाधीनता संग्राम का पावन यज्ञ समाप्त ही हुआ था तथा नव स्वतंत्रा भारत अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रहा था। ऐसे समय में संविधन तैयार करते हुए हमारे नियंताओं को किस प्रकार की परिस्थितियों, समस्याओं एवं संघर्षों से जूझना पड़ा, उसकी एक बानगी इस पुस्तक में देखी जा सकती है।
यह पुस्तक संविधन के विषय में प्रचलित कुछ मिथकों को तोड़ती है तथा तत्कालीन घटनाओं का निरपेक्ष भाव से मूल्यांकन करने का प्रयास करती है। डाॅ. भीमराव अम्बेडकर क्ेफ संविधान सभा में आगमन से लेकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में उनके द्वारा निभाई गयी भूमिका की गहरी पड़ताल इस पुस्तक के माध्यम से की गयी है तथा अनेक भ्रामक मान्यताओं का निवारण करने का प्रयत्न किया गया है।
भारतीय संविधान में रुचि रखने वालों तथा संवैधानिक विषयों के अध्येताओं के लिए इस पुस्तक की अनिवार्यता असन्दिग्ध् है।

शेषराव चव्हाण ने कॅरिअर अपने शुरूआत सन्‌ 1953 में एक स्कूल शिक्षक के रूप में की। सन्‌ 1966 में आप मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, औरंगाबाद में सहायक कुलसचिव के पद पर नियुक्त हुए। कालान्तर में आप यहीं पर कुलसचिव बनाए गए। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के पश्चात्‌ आपने लेखन कार्य आरम्भ किया और थोड़े ही समय में एक विख्यात लेखक के रूप में स्थापित हो गए। अब तक आपकी अंग्रेज़ी में एक दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सम्प्रति, आप भारतीय विद्या भवन के औरंगाबाद केन्द्र के अध्यक्ष हैं तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के अन्तर्गत द एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड सिटीज़न्स (वर्ल्ड बाइड) के अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं इण्टरनेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ गाँघियन स्टडीज़ एण्ड ए वर्ल्ड सिटीज़न के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं।
डॉ. पुनीत बिसारिया ने 1998 में लखनऊ:विश्वविद्यालय से हिन्दी में पी-एच०डी० की उपाधि अर्जित की। आपने अपने केरिअर का आरम्भ सन्‌ 1996 में हिन्दी के प्राध्यापक के रूप में किया। आप लखनऊ स्थित विश्वविख्यात बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान में हिन्दी अनुवादक भी रह चुके हैं। सम्प्रति, आप बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी से सम्बद्ध नेहरू पी० जी० कालेज, ललितपुर में हिन्दी प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। अब तक आपकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा विविध विषयों पर 50 से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ. बिसारिया की गणना सौन्दर्यशास्त्र, अनुंबाद तथा अद्यतन कविता के विशेषज्ञ रूप में की जाती है।

  • Publisher: Atlantic Publishers & Distributors (P) Ltd
  • Publisher Imprint:
  • Publication Date:
  • Pages: 224
  • ISBN13: 9788126907458
  • Item Weight: 290 grams
  • Original Price: 450.0 INR
  • Edition: N/A
  • Binding: Hardcover