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Cartography avam Bhu-Suchna Vigyan ke Aadhaar

by Jawahar Lal Jain
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Book cover type: Hardcover

कार्टोग्राफी एवं भू-सूचना विज्ञान के आधार नाम की यह पुस्तक मानचित्र विज्ञान और उसका आधुनिक रुप अर्थात् भू-सूचना विज्ञान के लगभग समग्र विषय का सरल, परिचय कराने वाली यह पुस्तक अत्यन्त व्यावहारिक हिन्दी भाषा में लिखी गई है जिसमें अनेकों तकनीकी शब्दों का अंग्रेजी रुपान्तरण भी साथ में दिया गया है। साथ ही अंग्रेजी भाषा की कई सहज अभिव्यक्तियों को अंग्रेजी या देवनागरी लिपि में अपना लिया है। इस तरह यह इस तकनीकी विषय पर हमारी सामान्य बोलचाल की भाषा में लिखी गई और ब्लैकबॉक्स विधि से दूर रहकर तकनीकी बारीकियों को सामान्य सरल शब्दों में समझाती है ताकि सामान्य विद्यार्थी/पाठक की विषय में आधारभूत समझ और रुचि विकसित हो सके। इस तरह हिन्दी-भाषी क्षेत्रें में इस विषय के शिक्षकों के लिये यह एक समग्र स्रोत पुस्तक के रुप में विशेष उपयोगी होगी। लेखक ने एकदम यही पुस्तक अंग्रेजी संस्करण में भी उपलब्ध कराई है। पुस्तक मानचित्र विज्ञान (कार्टोग्राफी) के मूल पक्षों से तो परिचय कराती ही है और उसकी नई विधाओं जैसे हवाई तथा उपग्रहीय सुदूर संवेदन, जीआईएस, जीपीएस-इन्टरनेट आदि भू-सूचना विज्ञानों से भी परिचय कराती है, मानचित्र तथा एटलस के कई आंतरिक पक्षों से भी। अंत में इस समग्र विषय की वर्तमान प्रवृत्तियों तथा कुछ निष्कर्ष बिन्दुओं की ओर भी संकेत करती है।

प्रो. जवाहर लाल जैन अपने पूरे कार्यकाल में डॉ- हरीसिंह गौर केन्द्रीय वि.वि., सागर, म.प्र. के भूगोल विभाग में भूगोल, विशेषतः कार्टोग्राफी एवं भू-सूचना विज्ञान, में अध्यापन व शोध कार्य करते रहे हैं। फोटोग्रामिति में अपनी आरंभिक जड़ों को एनआरएससी तथा आईआईआरएस जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं में प्रशिक्षणों से और गहन व आधुनिक किया है। वह भारतीय राष्ट्रीय कार्टोग्राफिक संघ (NCA) के संस्थापक आजीवन सदस्य है। वह 2005 के लिये संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, जब उन्होंने अपने वि.वि. में 25वीं NCA कार्टोग्राफिक कांग्रेस का आयोजन किया। इतने वर्षों बाद भी वह उसके कार्यों में सक्रियता से भाग लेते हैं। उन्होंने अपने गुरु स्व. प्रो. एन.पी. अयर की पुस्तक, सर्वेक्षण म.प्र. हिन्दी ग्रन्थ अकादमी (भोपाल) 1976 को उसके द्वितीय संस्करण हेतु संवर्धित एवं संशोधित किया (1989)। उन्होंने वि.वि. अकादमिक स्टाफ कालेज द्वारा आयोजित भूगोल में रिफ्रेशर कोर्स के अभ्यार्थियों हेतु सुदूर संबेदन की अवधारणाएँ एवं सिद्धांत विषय पर एक वृहद टाइप स्क्रिप्ट (1992) की रचना की। नगरीय, कार्टोग्राफिक तथा भू-सूचना विज्ञान आदि विषयों पर बीसियों प्रकाशित लेख तथा संगोष्ठियों में प्रस्तुत आख्यान इन विषयों पर उनकी अधिकारिक स्थिति का प्रमाण हैं। सेवा निवृत्त वर्षों में उनका कार्टोग्राफिक साहित्य व उपादानों के प्रति अगाध प्रेम उन्हें प्रसिद्ध संस्थानों के मानचित्र केन्द्रों में भी घुमाता रहा है जैसे यू.एस. में हार्वर्ड, कॉर्नेल तथा ब्रेन्डाइज़ वि.वि. तथा बोस्टन पब्लिक लाइब्रेरी एवं आस्ट्रेलिया में मेलबोर्न वि.वि. तथा विक्टोरिया स्टेट लाइब्रेरी आदि में।

  • Publisher: Atlantic Publishers & Distributors (P) Ltd
  • Publisher Imprint:
  • Publication Date:
  • Pages: 260
  • ISBN13: 9788126935734
  • Item Weight: 630 grams
  • Original Price: 995.0 INR
  • Edition: N/A
  • Binding: Hardcover